ड्राइविंग करते समय करो न करो के बारे में जानकारी

 भूमिका : आज कल  ज्यादा ट्रेफिक होने के कारण दुर्घटनाये दिन -प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ज्यादा तर दुर्घटनायें ड्राइवर की लापरवाही ,गाड़ी की देख रेख और समय पर ” करो न करो  ” की कार्यवाही न करने के कारण होती है। अच्छी सिखलाई , हुशियारी तथा करो न करो की कार्यवाही से इन दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तथा जान -माल के नुकसान से बचा जा सकता है।  इसलिए  प्रत्येक ड्राइवर का कर्तव्य है कि वाहन को चलाते समय करो न करो की कार्यवाही हमेशा ध्यान में रखें।
करो :- (01) ड्यूटी जाने से पहले वाहन की फस्ट परेड करना चाहिए। 
(02) वाहन को निर्धारित गति सीमा में ही चलायें। 
(03) रोड पर वाहन को हमेशा वायें तरफ ही चलाऐ। 
(04) यातायात के मियमों का पालन करें। 
(05) हमेशा ओबर टेक दाहिने तरफ से करो। 
(06) भीड़ -भाड़ वाले इलाके में वाहन की गति कम रखें। 
(07) अंधे मोड़ों पर हमेशा हॉर्न बजाये। चौराहों पर वाहन की कम करें व् देखकर वाहन को पार करें। 
(08) रत के समय डिपर (इंडिगेटर)  का प्रयोग करें। 
( 09) ड्यूटी से पहले फस्ट परेड ड्यूटी के दौरान हाल्ट परेड तथा ड्यूटी सम्पति के बाद लास्ट परेड अवश्य करें ताकि वाहन अगली ड्यूटी के लिए तैयार रख सकें। 
(10) ड्राइविंग करते समय हमेशा सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग करें। 
न करो :-  सड़क के मध्य में  ,मोड़ों पर चौराहों पर वाहन को  खड़ा न करें। 
(02) नशे की हालत में वाहन को न चलाएं। 
(03) ब्रेक का काम हॉर्न से न करें। 
(04) स्कूल व अस्पताल के नजदीक हॉर्न न बजायें। 
(05) वाहन चलते समय मोबाईल पर बात-चीत  न करें। 
(06) वाहन को निर्धारित गति सीमा से अधिक न चलायें। 
(07) आगे जाने के लिए जब तक ड्राइवर इसरा न करे , ओबर टेक न करें। 
(08) वाहन को चलते समय बातों में व्यस्त न रहें। 
(09) वाहन को सेफ्टी बेल्ट लगये बिना ड्राइविंग न करें। 

 

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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